Class 9 Hindi Chapter 15 |चरैवेति Question Answer | SEBA

Class 9 Hindi Chapter 15 |चरैवेति Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 9 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।

आज, इस लेख में मैं आपके 9 वीं कक्षा के चरैवेति के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।

हमारा लक्ष्य आपकी आवश्यकताओं को पूरा करना है। हम यहां मुफ्त में नोट्स प्रदान करते हैं। हम आपको आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हैं। यदि आपको कोई संदेह है, तो कृपया हमसे संपर्क करें।

Class 9 Hindi Chapter 15 Question Answer

अभ्यासमाला

(अ) संक्षिप्त प्रश्न:

1. कवि ने ‘चलते चलो’ का संदेश किसे दिया है ?

उत्तर : कवि ने हर मनुष्य को ‘चलते चलो’ का संदेश दिया है।

2. कवि ने वसुधा को रत्नमयी क्यों कहा है ?

उत्तर : वसुधा अर्थात स्वर्णमयी पृथ्वी हमें रहने को आश्रय और जीवन धारण करने की चीजें प्रदान करती है। वह माँ के समान ममतामयी और प्रेममयी है। इसलिए कवि वसुधा को रत्नमयी कहा है।

3. कवि ने किस-किस के साथ निरंतर चलने का संदेश दिया है ?

उत्तर : कवि ने सूरज, चंदा, तारे, मेघों, ऋतु और नदियों के साथ निरंतर चलते रहने का संदेश दिया है।

4. किन पंक्तियों में कवि ने मनुष्य की सामर्थ्य और अजेयता का उल्लेख किया है ?

उत्तर : कवि ने निम्नलिखित पंक्तियों में मनुष्य को सामर्थ्य और अजेयता का उल्लेख किया है।

रत्नमयी वसुधा पर

चलने को चरन दिए

बैठी उस क्षितिज पार

लक्ष्मी श्रृंगार किए,

आज तुम्हें मुक्ति मिली, कौन तुम्हें दास कहे ?

5. निरंतर प्रयत्नशील मनुष्य को कौन-कौन से सुख प्राप्त होते हैं ?

उत्तर : निरंतर प्रयत्नशील मनुष्य को स्वतंत्रता, प्रगति, विकास और समृद्धि का सुख प्राप्त होता है।

6. ‘रुकने को मरण’ कहना कहाँ तक उचित है ?

उत्तर : कवि गतिशील चिन्ताधारा के हैं। उनके मतानुसार और वास्तविक रूप से चलते रहना ही जीवन है। मरण का मतलब हमेशा के लिए रुक जाना। अर्थात रुक जाना ही मृत्यु है।

7. कवि ने मनुष्य को तुमसे हैं कौन बड़ा क्यों कहा है ?

उत्तर : मनुष्य को इस संसार में श्रेष्ठ प्राणी माना जाता है। मनुष्य से ही नगर, तीर्थ तथा गगन-सिंधु मित्र बने। अतः मनुष्य को बड़ा कहा गया है।

8. “युग के ही संग-संग चले चलो”- कथन का आशय स्पष्ट करो।

उत्तर : समय परिवर्तनशील है। समय निरंतर आगे बढ़ रहा है। समय या युग के साथ-साथ चलना ही प्रगतिशील जीवन है। युग बड़ा ही निर्मन है, वह हमारे साथ चलने के लिए रुक नहीं सकता। वह नदी के धारा के साथ-साथ बढ़ जाता है। तो हमें भी समय के साथ-साथ युग के साथ-साथ चलना है, आगे बढ़ना है, नगर बनना है, तीर्थ बनना है।

9. ‘नरेश मेहता’ ‘आस्ता और जागृति’ के कवि है- कविता के आधार पर सिद्ध करो।

उत्तर : ‘नरेश मेहता’ विश्वबंधुत्व, करुणा तथा समरसता के प्रति आस्थावान कवि है। नरेश मेहता की कविता

1. निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखो :

(क) जो दूसरों के अधीन न है- पराधीन

(ख) जो दूसरों के उपकार को मानता है – कृतज्ञ

(ग) जो बच्चों को पढ़ाते हैं – शिक्षक

(घ) जो गीत की रचना करते हैं – गीतकार

(ङ) जो खेती-बारी का काम करता हो – कृषक

भाषा एवं व्याकरण ज्ञान:

निम्नलिखित समस्त पदों के विग्रह कर समास का नाम लिखो :

पीतांबर- पीत अम्बर जिसका (बहुब्रीहि समास)

यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार (अव्ययीभाव समास)

धनी-निर्धन– धनी और निर्धन (द्वन्द्व समास)

निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग करो :

(क) अपना उल्लू सीधा करना (अपना काम निकलना )- अपना उल्लू सीधा करने के लिए गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।

(ख) आँखों का तारा : (बहुत प्यारा) – सनी अपने नाना का आँखों का तारा है। [HSS-2015]

(ग) उन्नीस-बीस का अंतर (एक का दूसरे से कुछ अच्छा होना) – दोनों गायें बस उन्नीस-बीस हैं।

(घ) घी के दीए जलाना (खुशी मनाना) – परीक्षा में उत्तीर्ण होने के कारण वह घी के दीये जला रहा है।

(ङ) जान पर खेलना (साहसिक कार्य)- हम जान पर खेलकर भी अपने देश की रक्षा करेंगे।

(च) बाएं हाथ का खेल (बहुत आसान होना)- कठिन से कठिन काम सीता के लिए बाएं हाथ का खेल है।

निष्कर्ष:

हमारा मानना ​​है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।

हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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