Class 9 Hindi Chapter 1 हिम्मत और जिंदगी Question Answer | SEBA

Class 9 Hindi Chapter 1 हिम्मत और जिंदगी Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 9 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।

आज, इस लेख में मैं आपके 9वीं कक्षा के “हिम्मत और जिंदगी” के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।

हमारा लक्ष्य आपकी आवश्यकताओं को पूरा करना है। हम यहां मुफ्त में नोट्स प्रदान करते हैं। हम आपको आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हैं। यदि आपको कोई संदेह है, तो कृपया हमसे संपर्क करें।

हिम्मत और जिंदगी Elective Question Answer:

(अ) पर्ण वाक्य मे उतर লিखो : (পূর্ণ বাক্যত উত্তৰ লিখা) :

प्र.1. किन व्यक्तियों को सुख का स्वाद अधिक मिलता है ? (কোন ব্যক্তিয়ে সুখৰ স্বাদ বেছি লাভ কৰে ?)

उत्तर : जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।

प्र.. 2. पानी में जो अमृत तत्व है, उसे कौन जानता है? (পানীত যি অমৃত তত্ত্ব আছে, সেইটো কোনে জানে?)

उतर : ज धूप मे खूब सुख चुका ।

प. 3. ‘गोल वल दनया लोगो’ या अभप्रय ? (কাল সন্ধ্যা জগতৰ মানুহৰ অভিপ্রায় কি ?)

उत्तर : फल की कामना न करनेवाले लोग।

प्र. 4. साहसी मनुष्य की पहली पहचान क्या है ? (সাহসী মানুহক প্রথমে কেনেকৈ চিনা যায় ?)

उत्तरः लोगों की सोच की परवाह नहीं करता।

(आ) संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में ) :

प्र. 5. लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से क्यों की है ?

उत्तर: सिंह अपनी दुनिया में मस्त, बेपरवाह घूमते-फिरते हैं। वे अकेला होने पर भी अपनी दुनिया में मग्न रहता है। लेखक के अनुसार तो झुंड में चलना और झुंड में चरना, यह भैंस औरंभे का काम है। इसलिए लेख ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से की है।

6. जिंदगी का भेद किसे मालूम है ? (জীৱনৰ ভেদ কোনে জানে?)

उत्तर : जिंदगी का भेद कुछ उसे ही मालूम है जो यह जानकर चलता है कि जिंदगी कभी भी खत्म न होने वाली चीज है।

7. लेखक ने जीवन के साधकों को क्या चुनौती दी है ?

उत्तर : ‘“अरे! ओ जीवन के साधकों! अगर किनारे की मरी हुई सीपियों से ही तुम्हें संतोष हो जाए तो समुद्र के अंतराल में छिपे हुए मौक्तिककोष कौन बाहर लाएगा”- कहकर लेखक ने जीवन के साधकों को चुनौती दी है।

(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो – (लगभग 50 शब्दों में ) : (নিম্নলিখিত প্রশ্নবোৰৰ উত্তৰ দিয়া। প্রায় ৫০টা শব্দৰ ভিতৰত)

(1) चाँदनी की शीतलता का आनन्द कैसा मनुष्य उठा पाते हैं? (জোনাকৰ শীতলতাৰ আনন্দ কেনেকুৱা মানুহে লাভ কৰে ?)

उत्तर : चान्दनी की शीतलता का आनन्द वह मनुष्य उठा पाते हैं, जो दिनभर धूप में थक कर लौटता है, जिसके शरीर को अब तरलाई की जरूरत महसूस होती है और जिसका मन यह जानकर संतुष्ट है कि दिनभर का समय उसने किसी अच्छे काम में लगाया है। जिसका जितोड़ मेहनत किसी अच्छाई के लिए है।

(2) लेखक ने जिंदगी की कौन-सी दो सूरतें बताई हैं और उनमें से किसे बेहतर माना है ? (লেখকে জীৱনৰ কোন দুটা ৰূপৰ বিষয়ে উল্লেখ কৰিছে আৰু তাৰ পৰা কোনটোক উপযুক্ত বুলি স্বীকাৰ কৰিছে?)

उत्तरः लेखक ने जिन्दगी की दो सूरतें बताई हैं। पहला यह है कि – आदमी बड़े- से-बड़े मकसद के लिए कोशिश करे, जगमगाती हुई जीत पर पंजा डालने के लिए हाथ बढ़ाए और अगर असफलताएँ कदम-कदम हाथ लगे, तब भी वह पीछे को पाँव न हटाए। दूसरी सूरत यह है कि उन गरीब आत्माओं का हमजोली बन जाए, जो न तो बहुत अधिक सुख पाती हैं और न जिन्हें बहुत अधिक दुख पाने का संयोग है।

जहाँ न तो जीत हँसती है और न कभी हार के रोने की आवाज सुनाई पड़ती है। लेखक ने पहला सूरत को उपयुक्त स्वीकार किया है।

3. जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना- इन दोनों मे से लेखक ने किसे ठ माना और क्य? (জীৱনত সুখ লাভ কৰিব নোৱৰা আৰু সুবিধা পালে সাহস দেখুৱাব নোৱৰা — এই দুয়োজনৰ ভিতৰত লেখকে কাক শ্রেষ্ঠ প্রতিপন্ন কৰিছে আৰু কিয় ?)

उत्तर : जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना इन दोनों में से लेखक ने जीवन में सुख प्राप्त न होना को श्रेष्ठ माना है। क्योंकि किसी काम में सफलता नहीं भी मिल सकती है, पर वे कभी हिम्मत नहीं हारती। पर जो मौके पर हिम्मत न दिखा पाते या परिस्थिति का सामना न कर भाग आते वे कायर बराबर है।

4. पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को क्या सीख दी गई है? (পাঠৰ শেষত দিয়া কবিতাৰ বাক্যবোৰত যুধিষ্ঠিৰক কি শিকোৱা হৈছে?)

उत्तर : अरण्य, झुरमुट काटकर कोई भी अपनी राह बना सकते हैं; आगे बढ़ सकते हैं। यह किसी का खरीदा हुआ गुलाम नहीं है कि जो चाहे वे अपना ले। हे युधिष्ठिर जीवन से जो डरता है जीवन उसके लिए नहीं है। जीवन उसके लिए है जो बिना डरे अपना कार्य करता चलता है। जीवन में वही आगे बढ़ सकता है जो अपना रास्ता स्वयं निर्माण करें।

(क) साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेते, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है।

उत्तर : प्रसंग: प्रस्तुत गद्यांश आलोक भाग-१ के अन्तर्गत रामधारी सिंह ‘दिनकर ‘जी द्वारा रचित ‘हिम्मत और जिंदगी’ नामक पाठ से उद्धृत है।

संदर्भ : लेखक ने साहस के संदर्भ में अपनी विचार व्यक्त करता हुआ प्रस्तुत वाक्यांश प्रस्तुत किया। है।

व्याख्या : साहस मनुष्य को आत्मनिर्भरशील बनाता है। जो अपने बुद्धि और बल से चलते हैं। किसी के द्वारा दिखाए गयी रास्ते पर नहीं चलते। वे अपना रास्ता खुद तय करते हैं। अपने सोच विचार को प्रधान्य देते हुए साहसी लोग अपना ही स्वप्न सुनता है।

(ख) कामना का अंचल छोटा मत करो, जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो।

उत्तर : प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश आलोक भाग-२ के अन्तर्गत रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी द्वारा रचित ‘हिम्मत और जिंदगी’ नामक पाठ से उद्धृत है।

संदर्भ : प्रस्तुत कथन लेखक के स्वयं की है। जीवन के साधकों की हिम्मत बढ़ाने के सन्दर्भ में प्रस्तुत वाक्य उल्लेखित है।

व्याख्या : पाने की इच्छा प्रबल होनी चाहिए। इसकी आकांक्षा जितनी छोटी होगी लोगों का कर्म भी छोटा होता जाएगा। लोगों को ऐसा कदापि सोचना नहीं चाहिए कि मेरे हाथ कुछ नहीं लगेगा। जीवन में फल प्राप्त करने के लिए हमें कर्म करते रहना होगा। फल भी अगर आशा ही नहीं करेंगे तो कर्म करने में हमें दिलचस्पी नहीं होगी। इसीलिए ज्यादा पाने की आकांक्षा से लोगों को कर्म करना होगा।

भाषा और व्याकरण : (ভাষা আৰু ব্যাকরণ) :

1. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ो –

(क) भोजन का असली स्वाद उसको मिलता है, जो कुछ दिन बिना खाए भी रह सकत है।

(ख) लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है, वे मोती लेकर बाहर आएँगे।

(ग) जो सुखों का मूल्य पहले चुकाते हैं उन्हें स्वाद अधिक मिलता है।

इन वयो मे मो छ शब्द’उसको’, ‘ज’, ‘जहे’, ‘a’ और’उहे’ सबधवाचक सर्वनाम हैं क्योंकि वाक्यों में इनका परस्पर सम्बन्ध है। सम्बन्ध वाचक सर्वनामों का प्रयोग करते हुए अन्य पाँच वाक्य बनाओ।

उतर :

(i) जो पैदा हुआ वह गा भी।

(ii) जो आपने कहा था वह मै कर दिया।

(iii) जितना न उसके पास उतना किसी नहीं।

(iv) जो शिक्ष देते है उहें ह शिक्ष कहते है

(v) जो ज्यादा मेहनत करेगा उन्हें ज्यादा सफलता हाथ लगेगी।

प्र. 2. इस पाठ में अरबी-फारसी के अनेक शब्द आए हैं- जडैसे मजा, जिंदगी। इनके हिन्दी रूप हैं- आनन्द, जीवन। यहाँ कुछ हिंदी शब्द दिये जा रहे हैं।

पाठ में से उनके अरबी-फारसी रूप चुनकर लिखो:

भय, सुगंधित, अनुभव, विशेषता, अंतर, वास्तविक, प्रयास, आवश्यकता।

उत्तर : विद्यार्थी स्वयं करने की कोशिश करें।

निष्कर्ष:

हमारा मानना ​​है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।

हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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