Class 10 Hindi Chapter 9 | नीलकंठ  Question Answer | SEBA

Class 10 Hindi Chapter 9 | नीलकंठ (महादेवी वर्मा)  Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 10 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।

आज, इस लेख में मैं आपके 10 वीं कक्षा के नीलकंठ के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।

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Class 10 Hindi Chapter 9 Question Answer

अभ्यास-माला

बोध एवं विचार

(१) पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो

(क) नीलकंठ पाठ में महादेवी वर्मा की कौन सी विशेषता परिलक्षित होती है ?

उत्तर : जीव जंतुओं के प्रति प्रेम महादेवी वर्मा की विशेषता परिलक्षित होती है।

(ख) महादेवी वर्मा जी ने मोर-मोरनी के जोड़े के लिए कितनी कीमत चुकाई थी ? [HSLC 2016]

उत्तर : महादेवी वर्मा जी ने मोर-मोरनी के जोड़े के लिए पैंतीस रुपए कीमत चुकाई थी।

(ग) विदेशी महिलाओं ने नीलकंठ की क्या उपाधि दी थी ?

अथवा,

नीलकंठ को ‘परफेक्ट जेंटिलमैन’ की उपाधि किन्होंने दी थी ? [HSLC 2016, 2018, 2020]

उत्तर : विदेशी महिलाओं ने नीलकंठ की परफैक्ट जैंटिलमैन उपाधि दी थी।

(घ) महादेवी ने अपनी पालतू बिल्ली का नाम क्या रखा था ? [HSLC 2018]

उत्तर : महादेवी ने अपनी पालतू बिल्ली का नाम चित्रा रखा था।

(ङ) चिड़ीमार ने बड़े मिया से मोर के जोड़ो के कितने नकद रुपए लिए थे ? [HSLC 2018]

उत्तर: चिड़ीमार ने बड़े मिया से मोर के जोड़ो के लिए तीस रुपए लिए थे।

(च) नीलकंठ और राधा की सबसे प्रिय ऋतु कौन थी ?

उत्तर : नीलकंठ और राधा की सबसे प्रिय ऋतु वर्षा ऋतु थी ।

(छ) पडिंत महादेवी वर्मा के पाठ का नाम क्या है ? [HSLC 2017]

उत्तर : पठित महादेवी वर्मा के पाठ का नाम ‘नीलकंठ’ है ।

(ज) रांधा किसका नाम है ? [HSLC 2017]

उत्तर : राधा मोरनी का नाम है।

(झ) मयूर किसका युद्ध-वाहन है ? [HSLC 2019]

उत्तरः मयूर कार्तिकेय का युद्ध वाहन है।

(२) अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में )

( क ) मोर-मोरनी के जोड़े को लेकर घर पहुंचने पर सब लोग महादेवी जी से क्या कहने लगे ?

उत्तर : मोर मोरनी के जोड़े को लेकर महादेवी वर्मा जी घर पहुंची तब सब कहने लगे कि यह मोर नहीं है, तीतर है। दुकानदार ने ठग लिया है।

( ख ) महादेवी जी के अनुसार नीलकंठ को कैसा वृक्ष अधिक भाता था ?

उत्तर : महादेवी जी के अनुसार नीलकंठ को पुष्पित और पल्लवित वृक्ष अधिक भाता था।

(ग) नीलकंठ को राधा और कुब्जा में से कौन अधिक प्यारी थी और क्यों ?

उत्तर : नीलकंठ को राधा और कुब्जा में से राधा अधिक प्यारी थी, क्योंकि वह जन्म से ही उसके साथ रहता आ रहा था।

(घ) मृत्यु के बाद नीलकंठ का संस्कार महादेवी जी ने कैसे किया ? [HSLC 2016]

उत्तर : मृत्यु के बाद नीलकंठ को महादेवी वर्मा जी अपने शाल में लपेटकर उसे संगम पर ले गई और उसमें प्रवाहित कर दिया।

(३) संक्षेप में उत्तर दो (लगभग 50 शब्दों में )

( क ) बड़े मियां ने मोर के बच्चे दूसरे को न देकर महादेवी जी को ही क्यों देना चाहता था ? [HSLC 2022]

उत्तर : हालांकि बड़े मियां पक्षियों का व्यापार करता था। पक्षियों को पकड़ना मारना उसका रोज का काम था। लेकिन वह भी तो इंसान था। उसके दिल में भी दया थी। दवा बनाने के लिए लोग मोर के बच्चे को मार देंगे। वह यह नहीं चाहता था। वह जानता था कि महादेवी जी उसे ले जाकर पालेंगी। इसीलिए बड़े मियां मोर के बच्चे को महादेवी वर्मा को ही देना चाहता था।

(ख) महादेवी जी ने मोर और मोरनी के क्या नाम रखे और क्यों ?

उत्तर : महादेवी जी ने मोर का नाम नीलकंठ और मोरनी का नाम राधा रखा। उन्होंने ऐसा मोर का नाम नीलकंठ इसलिए रखा क्योंकि मोर के गले के चारों तरफ नीला निशान था । मोरनी का नाम राधा इसलिए रखा क्योंकि मोरनी मोर के साथ उसकी छाया की तरह हमेशा रहती थी। ठीक उसी तरह जिस तरह कि राधा कृष्ण के साथ रहती थी ।

(ग) लेखिका के अनुसार कार्तिकेय ने मयूर को अपना वाहन क्यों चुना होगा ? मयुर की विशेषताओं के आधार पर उत्तर दो ?

उत्तर : लेखिका के अनुसार कार्तिकेय ने मयूर को अपना वाहन उसके रूप और स्वभाव के कारण चुना होगा। मयूर कला प्रिय भी होता है और वीर भी होता है। इसी से उसे बाज, चील जैसे अन्य पक्षियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

(घ) नीलकंठ के रूप रंग का वर्णन अपने शब्दों में करो। [HSLC 2018] इस दृष्टि से राधा कहां तक भिन्न थी ?

उत्तर : मोर के सिर की कलगी सघन, ऊंची और चमकीली थी। चोंच अधिक बंकिम और पैनी थी। उसकी आंखें गोल और नीली थीं। उसके दोनों पंख भी सुंदर. थे। पूंछ लंबी थी। गर्दन ऊंची थी। मोरनी का विकास मोर जैसा नहीं था। लेकिन उसकी पूंछ भी लंबी थी । कलगी चंचल थी। पंखों का रंग श्याम श्वेत था ।

(ङ) बारिश में भींग कर नृत्य करने के बाद नीलकंठ और राधा पंखों को कैसे सूखाते थी ?

उत्तर: बारिश बंद हो जाने के बाद नीलकंठ और राधा अपने बांए पंजे पर बांया पंख और दाहिने पंजे पर बांया पंख रख कर सुखाते थे। कभी-कभी वे एक दूसरे के पंख से गिरने वाले बूंद-बूंद पानी को अपने चोंच से पी कर सुखाते थे।

(च) नीलकंठ और राधा के नृत्य का वर्णन अपने शब्दों में करो।

उत्तर: नीलकंठ जब मेघ की छाया में अपने पंखों को गोलाकार बना कर नाचता था तब उस नृत्य में एक सहज लय होता था। वह आगे-पीछे, दाहिने-बांए घूम कर नाचता था। लेकिन राधा नीलकंठ के समान नहीं नाच सकती थी। फिर भी उसकी गति में भी एख छंद होता था। वह नाचते नाचते नीलकंठ के दाहिने पंख को छूती हुई निकल जाती थी। इसी प्रकार बांए पंख को छूती हुई दाहिनी ओर निकल जाती थी। इस तरह राधा नाचते-नाचते नीलकंठ की परिक्रमा कर लेती थी। इस प्रकार उसके नाच में भी एक ताल था ।

(छ) बसंत ऋतु में नीलकंठ के लिए जालीघर में बंद रहना असहनीय हो जाता था क्यों ?

उत्तर : असल में नीलकंठ को फलों से अधिक अच्छे पल्लवित और पुष्पित वृक्ष लगते थे। यहीं कारण था कि बसंत ऋतु में वृक्ष जब पल्लवित और पुष्पित हो जाते थे तब नीलकंठ उन पेड़ों पर जाने के लिए व्यग्र हो उठता था। तब उसकी जाली घर में बंद रखना असंभव हो जाता था। लेखिका को उसे जाली घर से आजाद कर देना पड़ता था।

(ज) जाली के बड़े घर में रहने वाले जीव-जंतुओं के आचरण का वर्णन करो ।

उत्तर : मोर के बच्चों को जब जालीघर के अंदर रखा गया तब मानो जालीघर में भूचाल सा आ गया। कबूतर नाचना छोड़कर उसके चारों ओर बैठकर निरीक्षण करने लगे। छोटे खरगोश उस पर उछलने लगे। तोते उसे एक आंख बंद करके देखने लगे।

(झ) नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को सांप से कैसे बचाया ? [HSLC 2016, 2018]

उत्तर : सांप ने खरगोश के बच्चे को पीछे से पकड़ रखा था। उसकी चीं चीं की आवाज सुनकर सांप उसके पास पहुंच गया। नीलकंठ ने सांप को फन के पास अपने पंजों से दबा लिया और चोंच से उस पर इतना प्रहार किया कि वह मर गया। इस प्रकार से नीलकंठ ने खरगोश के बच्चे को सांप से बचा लिया था।

(ञ) लेखिका को नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएं बहुत भाती थीं? [HSLC 2019]

उत्तर : नीलकंठ का नृत्य लेखिका को बहुत भाता था। वह अपने पंखों को सतरंगी मंडलाकार बनाकर नाचने लगता था। जिन नुकीली पैनी चोंच से वह सांपों पर प्रहार करता था उसी पैनी नुकीली चोंच से वह लेखिका की हथेली पर रखे भुने चने बड़ी कोमलता से और बड़े हौले-हौले उठा कर खाता था। नीलकंठ की यही सब चेष्टाएं लेखिका को बहुत भाती थीं।

(४) सम्यक् उत्तर दो (लगभग 100 शब्दों में)

(क) नीलकंठ के स्वभाव की विशेषताओं का वर्णन अपने शब्दों में करो। [HSLC 2020, 2022]

अथवा,

नीलकंठ की प्रवृत्तियो को रेखांकित करो। [HSLC 2019]

उत्तर : नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएं तो थी ही उसका मानवीकरण भी होने लगा था। वह केवल कलाकार ही नहीं था। केवल कलात्मक ढंग से लय-ताल से नाचता ही नहीं था, वह वीर भी था। सांपों पर बड़ी भयंकरता से प्रहार करता था। छोटे पशु पक्षियों के प्रति वह सहृदय था। सांप से छुड़ाकर वह खरगोश के घायल छोटे बच्चे को रात भर अपने पंखों की गरमी देता रहा था। फलों के बदले उसे पल्लवित और पुष्पित वृक्ष अधिक अच्छे लगते थे। घटा देखकर वह अपने पंखों का गोल घेरा बनाकर लय ताल के साथ नाचने लगता था। अपनी नुकीली चोंच से वह लेखिका की हथेली पर रखे भूने चने की बड़ी कोमलता से और हौले हौले उठाकर खाता था।

(ख) कुब्जा औरराधा के आचरण में क्या अंतर परिलक्षित होते हैं?

उत्तर: कुब्जा और राधा के आचरण में ये अंतर परिलक्षित होते हैं कि राधा जहां अपने अंडे को बड़े प्यार से सेती थी वहीं कुब्जा उसे चोंच मार कर तोड़ देती थी। राधा हमेशा नीलकंठ के पास रहना चाहती थी लेकिन कुब्जा उसे मार-मार कर उससे दूर भगा देती थी। राधा शांत और सहृदय थी। पर कुब्जा क्रूर और दुष्ट थी। कुब्जा की किसी पशु-पक्षी के साथ मित्रता नहीं थी।

(ग) मयूर कलाप्रिय वीरपक्षी है, हिंसक मात्र नहीं- इसका आशय समझकर लिखो। [HSLC 2022]

उत्तर : इसका आशय यह है कि मयूर के स्वभाव में वीरता के साथ-साथ कलाप्रियता भी मिश्रित होता है। वह मेघ को देखकर जितनी सुन्दरता से नाचता है, सांप को देख कर उतनी ही निडरता और वीरता से उस पर प्रहार भी करता है। दूसरी ओर बाज, चील जैसे पक्षी में किसी प्रकार की कलाप्रियता नहीं रहती है। वे केवल हिंसक होते हैं। अतः बाज, चील जैसे हिंसक पक्षियों की श्रेणी में मयूर को नहीं रखा जा सकता है।

भाषा एवं व्याकरण ज्ञान

(१) निम्नलिखित शब्दों में संधि-विच्छेद करो :-

क) नवांगतुक नव + आगंतुक
ख) मंडलाकारमंडल+आकार
ग) निश्चेष्टनिः + चेष्ट
घ) आनंदोत्सवआनंद+उत्सव
ङ) विस्मयाभिभूतविस्मय+अभिभूत
च) आविर्भूतआवि: + भूत
छ) मेघाच्छन्नमेघ+आः+छद् + न
ज) उद्दीप्तउत्+दीप्त

(२) निम्नलिखित समस्तपदों का विग्रह करते हुए समास का नाम भी बताओ

पक्षी-शावक, करुण-कथा, लय-ताल, धूप-छांह, श्याम-श्वेत, चंचु-प्रहार, नीलकंठ, आर्तक्रंदन, युद्धवाहन ।

उत्तरः

समस्तपदविग्रहसमास का नाम
पक्षी-शावकपक्षी के बच्चेसंबंध तत्पुरुष
करुण-कथाकरुण भरी कथाकरण तत्पुरुष
लय-ताललय और तालद्वन्द्व समास
छूप-छाँहधूप और छायाद्वन्द्व समास
श्याम- श्वेतश्याम और खेतद्वंद्व समास
चंचु -प्रहारचोंच द्वारा प्रहारकरण तत्पुरुष
नीलकंठनीला है कंठ जिसकाबहुब्रीहि समास
आर्तक्रंदनदर्द भरी आवाज में रोनाकरण तत्पुरुष
युद्धवाहनयुद्ध का वाहनसंबंध तत्पुरुष

(३) निम्नलिखित शब्दों का मूल शब्द और प्रत्यय अलग करो :

स्वाभाविक, दुर्बलता, रिमझिमाहट, पुष्पित, चमत्कारिक, क्रोधित, मानवीकरण, विदेशी, सुनहला, परिणामतः

उत्तर:

शब्दमूल शब्दप्रत्यय
स्वाभाविकस्वभावइक
दुर्बलतादुर्बलता
रिमझिमाहटरिमझिमआहट
पुष्पितपुष्पइत
चमत्कारिकचमत्कारइक
क्रोधितक्रोधइत
मानवीकरणमानवकरण
विदेशीविदेश
सुनहलासुनहला
परिणामतःपरिणामअतः

(४) उठना, जाना, डालना, लेना रंजक क्रियाओं से बननेवाली संयुक्त क्रियाओं से चार वाक्य बनाओ।

उत्तरः

क) उठनामोहन घर गया और बिस्तर पर उठ गया।
ख) जानाचोर चोरी करके भाग गया।
ग) डालनाबच्चों ने साँप को मार डाला।
घ) लेनाजमींदार ने किसानों की जमीन हथिया ली।

(2)

(1)

(५) निम्नलिखित वाक्यों में उदाहरणों के अनुसार यथास्थान उपयुक्त विराम चिह्न लगाओ

उदाहरण :

(i) उन्होंने कहना आरंभ किया सलाम गुरुजी

= उन्होंने कहना आरंभ किया, ‘सलाम गुरुजी !’

(ii) आम, अशोक, कचनार आदि की शाखाओं में नीलकंठ को ढूँढती रहती थी।

= आम, अशोक कचनार आदि की शाखाओं में नीलकंठ को ढूँढती रहती थी।

(क) उन्हें रोककर पूछा मोर के बच्चे है कहाँ

उत्तर : उन्हें रोककर पूछा, “मोर के बच्चे हैं कहाँ ?”

(ख) सब जीव जंतु भागकर इधर उधर छिप गए

उत्तर : सब जीव-जंतु भागकर इधर-उधर छिप गए।

(ग) चोंच से मार-मारकर उसने राधा की कलगी नोच डाली पंख नोच डाले

उत्तर : चोंच से मार-मारकर उसने राधा की कलगी नोच डाली, पंख नोच डाले।

(घ) न उसे कोई बीमारी हुई न उसके शरीर पर किसी चोट का चिह्न मिला

उत्तर : न उसे कोई बीमारी हुई, न उसके शरीर पर किसी चोट का चिह्न मिला।

(ङ) मयूर को बाज चील आदि की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिनका जीवन ही क्रूर कर्म है।

उत्तर : मयूर को बाज, चील आदि की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिनका जीवन ही क्रूर कर्म है।

निष्कर्ष:

हमारा मानना ​​है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।

हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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