Class 10 Hindi Chapter 12 | कायर मत बन Question Answer | SEBA

Class 10 Hindi Chapter 12 | कायर मत बन (नरेद्र शर्मा) Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 10 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।

आज, इस लेख में मैं आपके 10 वीं कक्षा के कायर मत बन के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।

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Class 10 Hindi Chapter 12 Question Answer

बोध एवं विचार

अभ्यास-माला

(१) ‘सही’ या ‘गलत’ रूप में उत्तर दो :

(क) कवि नरेद्र शर्मा व्यक्तिवादी गीतिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं ।

उत्तर : सही ।

(ख) नरेंद्र शर्मा की कविताओं में भक्ति और वैराग्य के स्वर प्रमुख हैं।

उत्तर : गलत ।

(ग) नरेंद्र शर्मा की गीति प्रतिभा के दर्शन छोटी अवस्था में ही होने लगे थे।

उत्तर : सही।

(घ) कायर मत बन कविता में कवि ने प्रतिहिंसा से दूर रहने का उपदेश दिया है।

उत्तर: गलत।

(ङ) कवि ने माना है कि प्रतिहिंसा मानव की कायरता को दर्शाती है।

उत्तर : सही।

(२) पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :

(क) कवि नरेंद्र शर्मा का जन्म कहाँ हुआ था ?

उत्तर : कवि नरेंद्र शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला के जहाँगीर नामक स्थान पर हुआ था।

(ख) कवि नरेंद्र शर्मा आकाशवाणी के किस कार्यक्रम के संचालक हुए ?

उत्तर: कवि नरेंद्र शर्मा आकाशवाणी के विविध भारती कार्यक्रम के संचालक नियुक्त हुए।

(ग) द्रौपदी खंडकाव्य के रचयिता कौन हैं ?

उत्तर : द्रौपदी खंडकाव्य के रचयिता कवि नरेंद्र शर्मा हैं।

(घ) कवि ने किसे ठोकर मारने की बात की है ? [HSLC 2016, 2018]

उत्तर: कवि ने जीवन पथ में आने वाली बाधाओं को ठोकर मारने की बात की है।

(ङ) मानवता ने मनुष्य को किस प्रकार सींचा है ?

उत्तर : मानवता ने मनुष्य को अपने खून पसीना से सींचा है।

(च) व्यक्ति को किसके समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए ?

उत्तर : व्यक्ति को दुष्ट के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए।

(छ) ‘कायर मत वन’ कविता के कवि कौन है ? [HSLC 2016]

उत्तर : ‘कायर मत वन’ कविता के कवि नरेन्द्र शर्मा है।

(ज़) ‘कायर मत वन’ कविता में प्रतिहिसां को क्या नाम दिया गया है ? [HSLC 2017]

उत्तर : ‘कायर मत वन’ कविता में प्रतिहिसां को दुर्वलता नाम दिया गया है।

(३) अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में ) :

(क) कवि नरेंद्र शर्मा के गीतों और कविताओं की विषयगत विविधता पर प्रकाश डालो ।

उत्तर: कवि नरेंद्र शर्मा के गीतों और कविताओं में विषयगत विविधता पाई जाती है। इनमें मिलन-विरह, सुख-दुख, प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक आदि प्रमुख हैं।

(ख) नरेंद्र शर्मा जी की काव्य भाषा पर टिप्पणी लिखो।

उत्तर: कवि नरेंद्र के काव्य एवं गीतों की भाषा प्रांजल, सरल एवं संगीतमय है। संक्षेप में कहा जाय तो इनके काव्य की भाषा प्रसाद गुण संपन्न हैं।

(ग) कवि ने कौन से जीवन को जीवन नहीं माना है? अथवा, ‘ले-दे कर जीना, क्या जीना ?’ कवि ने यहाँ क्या सन्देश दिया है? [HSLC 2020]

उत्तर : कवि ने ले-दे के जीने के जीवन को यानी बाधाओं के साथ समझौता करके जीने वाले जीवन को जीवन नहीं माना है।

(घ) कवि ने कायरता को प्रतिहिंसा से अधिक अपवित्र क्यों कहा है ?

उत्तर : कवि ने कायरता को प्रतिहिंसा से अधिक अपवित्र कहा है क्योंकि कायरता मानवता के विपरीत है। कायर व्यक्ति साहसहीन, निराश एवं दुखी होता है। वह मानवोचित कार्य में पीछे रहता है। इसलिए कायरता को अपवित्र कहा गया है।

(ङ) कवि की दृष्टि में जीवन के सत्य का सही माप क्या है ?

उत्तर: कवि की दृष्टि में जीवन के सत्य का सही माप मानवता का मूल्य है। मनुष्य के आत्म बलिदान से मानवता अमर बन जाती है। मानवता की रक्षा के सामने व्यक्ति की सुरक्षा का कोई मूल्य नहीं है।

(४) संक्षेप में उत्तर दो ( लगभग 50 शब्दों में)

(क) ‘कायर मत बन’ शीर्षक कविता का संदेश क्या है ? [HSLC 2018]

अथवा,

‘कायर मत बन’ शीर्षक कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? [HSLC 2016]

उत्तर : ‘कायर मत बन’ शीर्षक कविता का संदेश मानवता का जयगान करना है। इसके द्वारा कवि ने मानव को साहसी बनने का संदेश दिया है। कवि मनुष्य से कहते हैं कि वह कुछ भी बने पर कायर न बने। बाधाओं से समझौता न करे। चुनौतियों का डटकर मुकाबला करे। उसके सामने सिर न झुकाए ।

(ख) ‘कुछ न करेगा ? किया करेगा-रे मनुष्य बस कातर क्रंदन’- का आशय स्पष्ट करो ।

उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने कहा है कि हे मनुष्य! मानवता ने तुझे अपने खून पसीने से सींचा है। क्या तुम मानवता की रक्षा के लिए कुछ नहीं करेगा ? मात्र बाधाओं, विपत्तियों, चुनौतियों के समक्ष रोता ही रहेगा। हार ही मानते रहेगा?

(ग) ‘या तो जीत प्रीति के बल पर, या तेरा पथ चूमे तस्कर’- का तात्पर्य बताओ।

उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने कहने का तात्पर्य यह है कि यदि कोई तुझसे लड़ने आए तो पहले तुम उसे प्रेम से जीतने की कोशिश करो अगर नहीं तो फिर तुम डटकर उसका मुकाबला करो। उसके सामने रोओ, गिड़गिड़ाओ कभी नहीं। उसके साथ कभी भी समझौता मत करो।

(घ) कवि ने प्रतिहिंसा को व्यक्ति की दुर्बलता क्यों कहा है ?

उत्तर: कवि ने प्रतिहिंसा को व्यक्ति की दुर्बलता कहा है क्योंकि मानव एक विचारशील प्राणी है। वह कोई हिंस्र पशु नहीं है। हिंसा के प्रति की गई हिंसा तो मानव की विवेकहीनता होगी उसके मानवीय स्वभाव की दुर्बलता होगी। हिंसा को प्रेम से जीतना ही मानवता की जीत होती है।

(५) सम्यक उत्तर दो ( लगभग 100 शब्दों में ) :

(क) सज्जन और दुर्जन के प्रति मनुष्य का व्यवहार कैसा होना चाहिए ? ‘कायर मत बन’ कविता के आधार पर उत्तर दो ।

उत्तर : कायर मत बन कविता में यह बताया गया है कि दुर्जन के सामने हमें झुकना नहीं चाहिए। अगर दुष्ट व्यक्ति मुझसे ये युद्धं देहि कहे तो हमें उसे प्रेम से जीतना चाहिए। पीठ दिखा कर उसकी दुहाई कभी नहीं देनी चाहिए। यदि वह प्रेम की भाषा नहीं जानता है तो फिर उसका साहस के साथ मुकाबला करो, क्योंकि कायरता अपावन है और प्रतिहिंसा दुर्बलता है।

(ख) कायर मत बन कविता का सारांश लिखो।

अथवा,

हिंसा-अहिंसा के समंध में ‘कायर मत बन’ कविता के कवि के कथन को स्पष्ट करो । [HSLC 2015]

अथवा,

‘कायर मत बन’ कविता के भावार्थ स्पष्ट करो। [HSLC 2017]

उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि नरेंद्र शर्मा जी ने यह कहा है कि मनुष्य कुछ भी बने लेकिन कायर न बने। मनुष्य को चाहिए कि अपने जीवन मार्ग में आने वाली बाधाओं का सामना वह साहस के साथ करे। उन बाधाओं के साथ कभी भी समझौता न करे। उसके आगे सिर न पटके। उसके आगे कभी भी रोए, गिड़गिड़ाए नहीं। आँसू न बहाए। अगर कोई दुश्मन उसे ललकारे तो मनुष्य को चाहिए कि प्रथम तो प्यार से उसे जीत ले या फिर उसका मुकाबला करके उस पर विजय प्राप्त करे। किसी भी स्थिति में उसे अहिंसा की दुहाई देते हुए पीठ नहीं दिखाना चाहिए। मनुष्य का यही कर्तव्य है कि वह कुछ भी बने लेकिन कायर न बने। मात्तवता की रक्षा के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा दे।

(ग) कवि नरेंद्र शर्मा का साहित्यिक परिचय दो ।

उत्तर : छायावाद और छायावादोत्तर युग के व्यक्तिवादी गीति कविता रचने वाले कवियों में नरेंद्र शर्मा का स्थान प्रमुख है। इनकी गीति प्रतिभा के दर्शन इनकी छोटी अवस्था से ही होने लगे थे। इनके विद्यार्थी जीवन में ही इनके दो गीत संग्रह प्रकाशित हो चुके थे। जीवन के अंतिम समय तक इनकी लेखनी चलती रही थी। इनके गीतों और कविताओं में विषय की विविधता पाई जाती है। व्यक्तिगत सुख- दुख, आनंद-अनुभूति, प्रकृति सौंदर्य, विरह मिलन आदि सभी तरह की भावनाएं इनके गीत और कविताओं के विषय थे। प्रभातफेरी, प्रवासी के गीत, पलाशवन, मिट्टी के फूल, द्रौपदी, उत्तर जय आदि इनके प्रसिद्ध काव्य संग्रह है।

(६) प्रसंग सहित व्याख्या करो :

( क ) “ले दे कर जीना…. युगों तक खून-पसीना ।”

उत्तर :

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग दो के कवि नरेंद्र शर्माजी द्वारा रचित कायर मत बन शीर्षक कविता से ली गई है।

सन्दर्भ : कवि ने इसमें मानवता का जय गान करते हुए कहा है कि तुम कुछ भी बनो पर कायर मत बनो।

व्याख्याः प्रस्तुत पंक्तियों में कवि मानव से कहते हैं कि ले दे कर जीना भी कोई जीता होता है ? बाधाओं, विपत्तियों के साथ समझौता करके चलने वाला जीवन मूल्यहीन और निरर्थक होता है। मानवता ने तेरे लिए युगों तक खून पसीना बहाया है। क्या तुम उसके लिए कुछ भी नहीं करेगा? क्या तुम बाधाओं-विपत्तियों के आगे मात्र रोता ही रहेगा? गिड़गिड़ाता ही रहेगा ?

(ख) ‘युद्धं देहि कहे जब. तेरा पथ चूमे तस्कर।’ [HSLC 2018]

उत्तर :

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग दो के कवि नरेंद्र शर्माजी द्वारा रचित ‘कायर मत बन’ शीर्षक कविता से ली गई है।

सन्दर्भ : कवि ने इसमें मानवता का जय गान करते हुए कहा है कि वह कुछ भी बनो पर कायर मत बनो।

व्याख्या : प्रस्तुत: पंक्तियों में कवि कहते हैं कि यदि कोई कायर दुष्ट तुम से युद्धं देहि कहे यानी कि तुझ से युद्ध करने के लिए आए तो तुम पहले तो उसे प्यार से जीतने की कोशिश करना क्योंकि प्रतिहिंसा भी एक प्रकार की दुर्बलता है। यदि वह प्रेम की भाषा न समझे तो फिर तुम पीठ दिखाकर उसकी दुहाई मत देना । डटकर उसका मुकाबला करना ।

भाषा एवं व्याकरण ज्ञान

(१) खाली जगहों में ‘न’, ‘नहीं’, ‘मत’ का प्रयोग करके वाक्य को फिर से लिखो :

(क) तू कभी भी कायर …. बन ।

उत्तर : तू कभी भी कायर मत बन ।

(ख) तू कभी भी कायर बनो।

उत्तर : तू कभी भी कायर नहीं बनो।

(गे) आप कभी भी कायर ….. बने ।

उत्तर : आप कभी भी कायर न बने।

(घ) हमें कभी भी कायर बनना….. चाहिए।

उत्तर: हमें कभी भी कायर बनना नहीं चाहिए ।

(२) अर्थ लिखकर निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करो :

ले दे कर जीना, गम के आँसू पीना, खून पसीना बहाना, पीठ फेरना, टस से मस न होना, कालिख लगाना, कमर कसना, आँचल में बाँधना ।

उत्तर :

ले दे कर जीना (किसी तरह जीना) : ले देकर जीना कोई अच्छा जीना नहीं होता है।

गम के आँसू पीना (दुख सहना) : गरीब जीवन भर गम के आँसू पीते हैं।

खून पसीना बहाना (खूब परिश्रम करना) : मजदूर पूरा दिन खून पसीना बहाते रहते हैं।

पीठ फेरना (हार मान लेना) : भारत के सैनिक दुश्मनों से पीठ नहीं फेरते हैं।

टस से मस न होना (अपनी जगह से बिल्कुल नहीं हिलना) : यह मोटा लड़का एक बार जहाँ बैठ जाता है, वहाँ से टस से मस नहीं होता।

कालिख लगाना (बदनामी करना): मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा, जिससे मेरे पिता के नाम पर कालिख लगे।

कमर कसना (किसी भी काम को करने के लिए तैयार हो जाना) : मैंने दुश्मनों से लड़ने के लिए कमर कर लिया है।

आँचल में बाँधना (बहुत दुलार करना) : माँ अपने बच्चे को आँचल में बाँध कर रखती है।

(३) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखो :

(क) सभा में अनेकों लोग एकत्र हुए हैं।

उत्तर : सभा में अनेक लोग एकत्र हुए हैं।

(ख) मुझे दो सौ रुपया चाहिए।

उत्तर : मुझे दो सौ रुपए चाहिए।

(ग) बच्चे छत में खेल रहे हैं। [HSLC 2015]

उत्तर : बच्चे छत पर खेल रहे हैं।

(घ) मैंने यह घड़ी सात सौ रुपयों से ली।

उत्तर : मैंने यह घड़ी सात सौ रुपए में खरीदी है ।

(ङ) मेरे को घर जाना है।

उत्तर : मुझे घर जाना है।

(च) बच्चे को काटकर गाजर खिलाओ।

उत्तर : बच्चे को गाजर काटकर खिलाओ।

(छ) उसने पुस्तक पढ़ चुका ।

उत्तर : उसने पुस्तक पढ़ ली।

(ज) जब भी आप आओ, मुझ से मिलो।

उत्तर : जब भी आप आए, मुझसे मिले।

(झ) हम लोग रात को देर से भोजन खाते हैं।

उत्तर: हम लोग रात को देर से भोजन करते हैं।

(ञ) बाघ और बकरी एक ही घाट पानी पीती है।

उत्तर : बाघ और बकरी एक ही घाट पानी पीते हैं।

(४) निम्नलिखित शब्दों से प्रत्ययों को अलग करो :

शब्दप्रत्यय
आधुनिकइक
भलाई
बुढ़ापापा
गरीबी
विषमताता
लड़कपनपन
मलिनइन

(५) निर्देशानुसार वाक्य का परिवर्तन करो :

( क ) मैंने एक दुबला-पतला आदमी देखा था। (मिश्र वाक्य बनाओ )

उत्तर : मैंने एक ऐसा आदमी देखा था, जो दुबला पतला था।

(ख) जो विद्यार्थी मेहनत करता है, वह अवश्य सफल होता है। (सरल वाक्य बनाओ)

उत्तर : मेहनत करने वाला विद्यार्थी अवश्य सफल होता है।

(ग) किसान को अपने परिश्रम का लाभ नहीं मिलता। (संयुक्त वाक्य बनाओ )

उत्तर : किसान परिश्रम करता है, लेकिन उसे लाभ नहीं मिलता।

(घ) लड़का बाजार जाएगा। (निषेधवाचक वाक्य बनाओ )

उत्तर : लड़का बाजार नहीं जाएगा।

(ङ) लड़की गाना गाएगी। (प्रश्नवाचक वाक्य बनाओ )

उत्तर : क्या लड़की गाना गाएगी ?

निष्कर्ष:

हमारा मानना ​​है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।

हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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