Class 10 Hindi Chapter 11 | जो बीत गई (हरिवंशराय बच्चन) Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 10 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।
आज, इस लेख में मैं आपके 10 वीं कक्षा के “जो बीत गई” के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।
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Class 10 Hindi Chapter 11 Question Answer
अभ्यास-माला
बोध एवं विचार
(१) अति संक्षिप्त प्रश्न
(क) कवि हरिवंशराय बच्चन का जन्म कब हुआ था ?
उत्तर : सन् 1907 में कवि हरिवंशराय बच्चन का जन्म हुआ था।
(ख) कवि ने इस कविता में बीती बात भूला कर क्या करने का संदेश दिया है ? अथवा, ‘जो बीत गई’ कविता में किसकी चिंता करने का संदेश चाहते है ? [HSLC 2017, 2018, 2022]
उत्तर : कुवि ने इस कविता में बीती बात भूला कर वर्तमान की चिंता करने का संदेश दिया है।
(ग) ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता के कवि कौन है ? [HSLC 2019, 2022]
उत्तर: ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता के कवि हरिवंशराय बच्चन जी है।
(घ) ‘बच्चन’ जी द्वारा तिखी गई किसी एक पुस्तक का नाम लिखो। [HSLC 2020]
उत्तर: ‘बच्चन’ जी द्वारा लिखी गई किसी एक पुस्तक का नाम ‘मधुशाला’ है।
(२) संक्षेप में उत्तर दो-
(क) अपने प्रिय तारों के टूट जाने पर क्या अंबर कभी शोक मनाता है ? [HSLC 2016]
उत्तर : अपने प्रिय तारों के टूट जाने पर अंबर कभी शोक नहीं मनाता है।
(ख) हमें मधुवन और मदिरालय से क्या शिक्षा मिलती है? [HSLC 2016, 2017]
अथवा,
मधुवन तथा मदिरालय मनुष्य को क्या संदेश देते है ?
उत्तर : हमें मधुवन और मदिरालय से बीती बातों को भूल कर वर्तमान की चिंता करने की शिक्षा मिलती है।
(ग) कवि ने ‘अंबर के आनन’ को देखने की बात क्यों की है? [HSLC 2018]
उत्तर : कवि ने अंबर के आनन को देखने की बात इसलिए की है क्योंकि उससे हम यह शिक्षा ले सकें कि अपने प्रिय जन के बिछुड़ जाने पर कभी हम शोक न करें। वर्तमान में हमारे अपने जो साथ हैं, उनकी चिंता करें।
(घ) प्यालों के टूट जाने पर मदिरालय क्यों नहीं पछताता है ? [HSLC 2020]
उत्तर : प्यालों के टूट जाने पर मदिरालय नहीं पछताता है क्योंकि उसके स्थान पर नए प्याले आ जाते हैं।
(ङ) मधु के घर और प्लालों से किन लोगों को लगाव होता है ?
उत्तर : मधु के घट और प्यालों से उन लोगों को लगाव होता है जो कच्चे पीने वाले होते हैं।
(च) जो मादकता के मारे हैं वे मधु लूटा ही करते हैं।”- इसके द्वारा कवि क्या कहना चाहते हैं ?
उत्तर : इससे कवि यह कहना चाहते हैं कि जिनको जीवन से सच्चा प्यार रहता है तो बीती बातों को भूल कर वर्तमान की चिंता करते हैं।
(छ) इस कविता में मानव जीवन की तुलना किन-किन चीजों से की गई है ? [HSLC 2019, 2022]
उत्तर : इस कविता में मानव जीवन की तुलना सितारे, कलि, मधु घट, प्याला से की गई है।
(ज) इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? [HSLC 2015, 2020]
उत्तर : इस कविता से हमें बीती बातों को भूलकर वर्तमान की चिंता करने की शिक्षा मिलती है।
(झ) ‘जो बीत गई’ कविता के भावार्थ स्पष्ट करो । [HSLC 2017]
अथवा, ‘
जो बीत गई’ कविता के सन्देश की स्पष्ट करो। [HSLC 2019]
उत्तर : बच्चन जी द्वारा रचित इस रोचक कविता का सारांश यह है कि जिस प्रकार अपने टूटे हुए तारों पर अंबर शोक नहीं मानता है। अपने मुर्झाए हुए फूलों के लिए उपवन शोर नहीं मचाता है उसी प्रकार मनुष्य को अभी अपनी बीती बातों को भुला कर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए। मदिरालय में तो कितने ही प्याजे रोज ही टूटते हैं, पर मदिरालय या पीने वाला उसके लिए कभी नहीं पछताता है। घट और प्याले पर जिसकी ममता होती है, वह कच्चा पीने वाला होता है। हमारे जीने का यदि एक साधन समाप्त हो जाए तो हमें उसके बारे में सोच-सोच कर शोक नहीं मनाते रहना चाहिए। जीने के अन्य साधन की खोज करनी चाहिए।’
(३) सप्रसंग व्याख्या करो :
(क) “जीवन में एक अंबर के आनन को देखो।”
उत्तर :
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक आलोक भाग दो के हरिवंश राय बच्चनजी द्वारा रचित ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता से ली गई है।
सन्दर्भ: कवि ने इस में बीती बातों को छोड़कर वर्तमान की चिंता करने की शिक्षा दी है।
व्याख्या : प्रस्तुतः पंक्तियों में कवि कहते हैं कि माना कि तुम्हारा जीवन में एक प्रिय व्यक्ति था। किसी कारण से तुम उससे बिछुड़ गए तो क्या होगा। तुम उसके लिए इतना शोक क्यों करते हो । आकाश को देखो। वहां तो कितने ही तारे रोज टूटा करते हैं। पर टूटे तारों के लिए अंबर कभी शोक नहीं मानता है।
उपसंहारः अतः हमें बीती बातें त्याग कर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए।
(ख) “मृदु मिट्टी के बने…… प्याले टूटा ही करते हैं । ” [HSLC 2016]
उत्तर : प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक आलोक भाग दो के हरिवंश राय बच्चनजी द्वारा रचित ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता से ली गई है।
सन्दर्भ : कवि ने इस में बीती बातों को छोड़कर वर्तमान के बारे में सोचना चाहिए।
व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते हैं कि मधु घट और प्याले तो कोमल मिट्टी के बने होते हैं। वे तो टूटते ही हैं। उनके टूटने पर मधुशाला शोर नहीं मचाता है। उसके स्थान पर नए मधुघट और नए प्याले आ जाते हैं। इसी प्रकार मनुष्य का जीवन तो क्षणिक है। जीवन का एक सहारा चला जाने तर उसी के लिए रोते नहीं रहना चाहिए। दूसरे सहारे की खोज करनी चाहिए।
उपसंहार: बीती बातों को भूला कर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए।
निष्कर्ष:
हमारा मानना है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।
हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।