Class 10 Hindi Chapter 3 | भोलाराम का जीव Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 10 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।
आज, इस लेख में मैं आपके 10वीं कक्षा के “भोलाराम का जीव” के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।
हमारा लक्ष्य आपकी आवश्यकताओं को पूरा करना है। हम यहां मुफ्त में नोट्स प्रदान करते हैं। हम आपको आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हैं। यदि आपको कोई संदेह है, तो कृपया हमसे संपर्क करें।
Class 10 Hindi Chapter 3 Question Answer
अभ्यास-माला
बोध एवं विचार
1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो
( क ) भोलाराम के जीव ने कितने दिन पहले देह त्यागी थी ? [HSLC 2016, 2020]
उत्तरः भोलाराम के जीव ने पाँच दिन पहले देह त्यागी थी ।
(ख) नारद भोलाराम का घर कैसे पहचान गए ?
उत्तर : माँ-बेटी के सम्मिलित क्रंदन सुनकर नारद भोलाराम का घर पहचान गए ।
(ग) धर्मराज के अनुसार नर्क में इमारतें बनाकर रहनेवालों में कौन शामिल है ?
उत्तरः धर्मराज के अनुसार नर्क में इमारतें बनाकर रहनेवालों में ठेकेदार, इंजीनियर, ओवरसीयर, आदि सभी शामिल हैं।
(घ) तुम्हारी भी रिटायर होने की उम्र आ गई। -यह किसका कथन है ? [HSLC 2015]
उत्तर : धर्मराज का यह कथन है।
(ङ) बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के दरख्वास्तों पर वजन रखने की सलाह दी। यहां ‘वजन’ का अर्थ क्या है ? [HSLC 2018]
उत्तर: यहां ‘वजन’ का अर्थ है रिश्वत ।
(च) भोलाराम का घरकिस शहर में था ?
उत्तरः भोलाराम का घर जबलपुर शहर में था।
(छ) भोलाराम को सेवानिवृत हुए कितने वर्ष हुए थे ? [HSLC 2014]
उत्तरः भोलाराम को सेवानिवृत हुए पाँच वर्ष हुए थे।
(ज) भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को किस बीमारी का शिकार बताया ? [HSLC 2018, 2022]
उत्तर : भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को गरीबी की बीमारी का शिकार बताया।
(झ) भोलाराम ने मकान मालिक को कितने साल से किराया नहीं दिया था ?
उत्तरः भोलाराम ने मकान मालिक को एक साल से किराया नहीं दिया था।
(ञ) बड़े साहब ने नारद से बोलाराम की पेंशन मंजूर करने के बदले क्या माँगा ?
उत्तर : बड़े साहब ने नारद से भोलाराम की पेंशन मंजूर करने के बदले नारद से उनका वीणा माँगा।
(ट) ‘भोलाराम का जीव’ शीर्षक पाठ के लेखक कौन है ? [HSLC 2017]
उत्तर: ‘भोलाराम का जीव’ शीर्षक पाठ के लेखक है हरिशंकर परसाई जी ।
(ठ) धर्मराज का क्या काम है ? [HSLC 2019]
उत्तरः धर्मराज का कर्म और सिफारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास- स्थान अलँटि करते आ रहे थे।
2. संक्षेप में उत्तर दो
( क ) ‘पर ऐसा कभी नहीं हुआ था।’ यहां किस घटना का संकेत मिलता है ?
उत्तर : यह इस घटना का संकेत मिलता है कि भोलाराम के जीव ने पाँच दिन पहले देह त्यागी और यमदूत के साथ धर्मराज के दरबार के लिए रवाना हुए, परन्तु वे अभी तक वहां नहीं पहुंचे थे।
(ख) यमदूत ने भोलाराम के जीव के लापता होने के बारे में क्या बताया ?
अथवा,
यमदूत कै लिए भोलाराम संबेधी परेशानी क्या थी ? [HSLC 2019]
उत्तर : यमदूत ने भोलाराम के जीव के लापता होने के बारे में यह बताया कि उसने भोलाराम के जीव को पकड़ा और स्वर्ग लोक की यात्रा आरम्भ की। नगर के बाहर जब यमदूत ने उसे लेकर एक तीव्र वायु -तरंग पर सवार हुआ, उसी समय ही वह उसके चंगुल से छुटकर गायब हो गया और उसका कहीं पता नहीं चला।
(ग) धर्मराज ने नर्क में किन-किन लोगों के आने की पुष्टि की ? उनलोगों ने क्या-क्या अनियामितताएँ की थीं ?
उत्तर : धर्मराज ने नर्क में ठेकेदार, इंजीनियर, ओवरसीयर इत्यादि लोगों के आने की पुष्टि की।
उनलोगों ने निम्नलिखित अनियमितताएं की थीं :
क) ठेकेदारों ने पूरे पैसे, लेकर रद्दी इमारतें बनायी।
ख) इंजीनियरों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर पंचवर्षीय योजनाओं का पैसा खाया।
ग) ओवरसीयार है, जिन्होंने गरीब मजदूरों की हाजिरी भरकर पैसा हड़पा था।
(घ) भोलाराम की पारिवारिक स्थिति पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः भोलाराम की पारिवारिक स्थिति बहुत ही मार्मिक तथा दयनीय थी, जबलपुर शहर के धमापुर मुहल्ले में नाले के किनारे एक डेढ़ कमरे के टूटे-फुटे मकान में वह परिवार समेत रहता था। नौकरी से पाँच साल पहले रिटायर हो गया था। उसने अपने मकान का किराया एक साल से नहीं दिया था। परन्तु इससे पहले ही भोलाराम इस संसार को छोड़ कर चला जाता है।
(ङ) ‘भोलाराम ने दरख्वास्तें तो भेजी थी, पर उन पर वजन नहीं रखा था, इसलिए कही उड़ गई होंगी।’ – दफ्तर के बाबू के ऐसा कहने का क्या आशय था ?
उत्तरः दफ्तर के बाबू के ऐसा कहने का आशय था कि भोलाराम ने अपने पेंशन के लिए दरख्वास्तें तो भेजी थी परन्तु उसके साथ वह रिश्वत नहीं दी, इसलिए दरख्वास्तें कहीं इधर-उधर उड़ गई होंगी।
(च) चपरासी ने नारद को क्या सलाह दी ? [HSLC 2016, 2017, 2022]
उत्तरः चपरासी ने नारद को सलाह दी कि ‘महाराज आप क्यों इस झंझट में – पड़ गए। आप अगर साल-भर भी यहाँ चक्कर लगाते रहे तो भी काम नहीं होगा। आप तो सीधे बड़े साहब से मिलिए। उन्हें खुश कर लिया तो अभी काम हो जाएगा।
(छ) बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के पेंशन केस के बारे में क्या बताया ? [HSLC 2015]
उत्तर: बड़े साहब ने नारद को बताया कि आप वैरागी है तथा दप्तरों के रीति-रिवाज नहीं जानते। असल में भोलाराम ने वजन (रिश्वत) नहीं देकर गलती की है, इस वजह से आज भोलाराम की दरख्वास्तें उड़ रही है, आप उन पर वजन रखिए, आपका काम हो जाएगा।
(ज) ‘भोलाराम का जीव’ शीर्षक व्यंग्य समाज में फैले रिश्वतखारा एवं भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करता है।’ इस कथन की पुष्टि करो ।
अथवा,
‘भोलाराम का जीव’ शीर्षक कहानी का उद्देश्य क्या है? [HSLC 2020]
उत्तर : ‘भोलाराम का जीव’ शीर्षक व्यंग्य कहानी में कहानीकार ने यह दिखाया है कि आधुनिक समाज व्यवस्था में भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरों हर सरकारी दफ्तर में फैला हुआ है। इससे हर व्यक्ति प्रभावित है। पाँच साल पहले भोलाराम सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए थे। दरखास्त देते-देते गुजर गए पर रिश्वत न देने के कारण उनकी पेंशन मंजूर नहीं हुई। यह समस्या मात्र भोलाराम की ही समस्या नहीं है। इसके द्वारा लेखक ने आम आदमी की परेशानी को सामने रखा है।
4. आशय स्पष्ट करो
(क) दरख्वास्तें पेपरवेट से नहीं दबतीं ।
उत्तरः इस उक्ति का आशय है – दरख्वास्तें पेपरवेट से नहीं दबती है, वह दबती हैं तो सिर्फ रिश्वत से। आज के युग में पेपरवेट की जगह रिश्वत ने ले रखी है।
(ख) यह भी एक मंदिर है। यहां भी दान-पुष्य करना पड़ता है।
उत्तर: इस उक्ति का आशय है- जब नारद बड़े रहब से भोलाराम के पेंशन केस के बारे में बात कर रहे होते है तो बड़े साहब कहते हैं यह दफ्तर भी मंदिर है। यहां भी दान पुण्य करना पड़ता है, इसका अर्थ है कि किसी भी कार्य के लिए रिश्वत आज जरूरी है।
भाषा एवं व्याकरण ज्ञान
1. नीचे दिए गए द्वन्द्व समासों के भेद लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें:
खाना-पीना, माँ बाप, घर-द्वार, रुपया-पैसा, भात-दाल, सीता-राम, धर्माधर्म, थोड़ा-बहुत, ठंडा-गरम, उत्थान-पतन, आकाश-पाताल।
उत्तरः
क) खाना-पीना : (खाना और पीना) समाहार द्वन्द्व समास
हमें समय पर खाना-पीना करना चाहिए।
ख) माँ-बाप : (माँ और बाप) – इतरेतर द्वन्द्व समास
मोहन अपने माँ-बाप का एक मात्र सहारा है।
ग) घर-द्वारः (घर और द्वार) समाहर द्वन्द्व समास
महेश का घर-द्वार सुंदर है।
घ) रुपया-पैसा : (रुपया और पैसा) – इतरेतर द्वन्द्व समास
गरीव के पास रुपया-पैसा नहीं होता है।
ङ) भात-दाल : (भात और दाल) समाहार द्वन्द्व समास
बच्चा भात-दाल खा रहा है। ।
च) सीता-राम : (सीता और राम) – इतरेतर द्वन्द्व समास
सीता राम हमारे आराध्य देवी-देवता है।
छ) धर्माधर्म : (धर्म और धर्म) – समाहार द्वन्द्व समास
महापुरुष धर्माधर्म का विचार करते हैं।
ज) थोड़ा-बहुत : (थोड़ा अथवा बहुत) वैकल्पिक द्वन्द्व समास
मेरे पास थोड़ा-बहुत धन अभी भी शेष है।
झ) ठंडा-गरम : (ठंडा या गरम) वैकल्पिक द्वन्द्व समास
सेठ ठंडा-गरम के चलते बाहर नहीं जाता है।
ञ) उत्थान-पतन : (उत्थान या पतन) वैकल्पिक द्वन्द्व समास
हम अपने जीवन में तरह-तरह के उत्थान-पतन का सामना करते हैं।
ट) आकाश-पाताल : (आकाश या पाताल) -वैकल्पिक द्वन्द्व समास
हरि परीक्षा की तैयारी में आकाश-पाताल एक कर दिया है।
2. पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के भाववाचक संज्ञा बनाओ :
उत्तरः
शब्द | भाववाचक संज्ञा |
गरीब | गरीबी |
खराब | खराबी |
तलाश | तलाशी |
असमर्थ | असमर्थता |
त्यागी | त्याग |
बहुत | बहुतायत |
गृहस्थ | गृहस्थी |
अभ्यस्त | अभ्यास |
परेशान | परेशानी |
चिल्लाना | चिल्लाहट |
बीमार | बीमारी |
कारीगर | कारीगरी |
मूर्ख | मूर्खता |
नेता | नेतृत्व |
वास्तविक | वास्तविकता |
ऊँचा | ऊँचाई |
निष्कर्ष:
हमारा मानना है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।
हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।