Class 10 Hindi Chapter 2 | छोटा जादूगर (जयशंकर प्रसाद) Question Answer | SEBA: हमारी वेब साईट में स्वागत है! हम आपको आपकी शैक्षणिक यात्रा के लिए ग्रेड 10 के नोट्स प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।
आज, इस लेख में मैं आपके 10 वीं कक्षा के “छोटा जादूगर” के दीर्घ और लघु प्रश्नों पर चर्चा करूँगा हम लगभग सभी लंबे और छोटे प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।
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Class 10 Hindi Chapter 2 Question Answer
अभ्यास-माला
सम्पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो
(क) बाबू जयशंकर प्रसाद का जन्म कहा हुआ था ?
उत्तर : काशी में बाबू जयशंकर प्रसाद का जन्म हुआ था।
(ख) जयशंकर प्रसाद जी का साहित्यिक जीवन किस नाम से आरंभ हुआ ?
उत्तर : जयशंकर प्रसाद जी का साहित्यिक जीवन कलाधर नाम से आरंभ हुआ।
(ग) प्रसाद जी का देहावसान कब हुआ?
उत्तर : सन् 1937 में प्रसाद जी का देहावसान हुआ था।
(घ) कार्निवाल के मैदान में लड़का चुपचाप किनको देख रहा था ?
उत्तर : कार्निवाल के मैदान में लड़का चुपचाप शर्बत पीने वाले को देख रहा था ।
(ङ) लड़के को जादूगर के कौन सा खेल अच्छा मालूम हुआ ?
उत्तर : लड़के को जादूगर का खिलौने पर निशाना लगाना अच्छा मालूम हुआ।
2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो
( क ) जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रथम कहानी का नाम क्या है ?
उत्तर : जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रथम कहानी का नाम है ग्राम।
(ख) प्रसदा जी द्वारा रचित महाकाव्य का नाम बताओ।
उत्तर : प्रसाद जी द्वारा रचित महाकाव्य का नाम है ‘कामायनी’ ।
(ग) लड़का जादूगर को क्या समझता था ?
उत्तर : लड़के ने जादूगर को बिल्कुल निकम्का समझा।
(घ) लड़का तमाशा देखने परदे के पीछे क्यों नहीं गया था ?
उत्तर : लड़का तमाशा देखने पर्दे के पीछे नहीं गया था, क्योंकि उसके लिए पैसे लगते थे और लड़के के पास पैसे नहीं थे।
(ङ) श्रीमान् ने कितने टिकट खरीद कर लड़के के हाथ में दे दिए थे ?
उत्तर : श्रीमान् ने बारह टिकट खरीद कर लड़के के हाथ में दे दिए थे।
(च) लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय किस प्रकार दिया था ?
उत्तर : लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय ‘छोटा जादूगर’ कह कर दिया था।
(छ) बालक (छोटा जादूगर) को किसने बहुत शीघ्र चतुर बना दिया था ?
उत्तर : आवश्यकताओं ने छोटे जादूगर को शीघ्र चतुर बना दिया था।
(ज) श्रीमान कलकत्ते में किस अवसर पर की कौन-सी छुट्टी बिता रहे थे ?
उत्तर : श्रीमान कलकत्ते में बड़े दिन की छुट्टियाँ बिता रहे थे ।
(घ) लड़का तमाशा देखने परदे के पीछे क्यों नहीं गया था ?
उत्तर : लड़का तमाशा देखने पर्दे के पीछे नहीं गया था, क्योंकि उसके लिए पैसे लगते थे और लड़के के पास पैसे नहीं थे।
(ङ) श्रीमान् ने कितने टिकट खरीद कर लड़के के हाथ में दे दिए थे ?
उत्तर : श्रीमान् ने बारह टिकट खरीद कर लड़के के हाथ में दे दिए थे।
(च) लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय किस प्रकार दिया था ?
उत्तर : लड़के ने हिंडोले से अपना परिचय ‘छोटा जादूगर’ कह कर दिया था।
(छ) बालक (छोटा जादूगर) को किसने बहुत शीघ्र चतुर बना दिया था ?
उत्तर : आवश्यकताओं ने छोटे जादूगर को शीघ्र चतुर बना दिया था।
(ज) श्रीमान कलकत्ते में किस अवसर पर की कौन-सी छुट्टी बिता रहे थे ?
उत्तर : श्रीमान कलकत्ते में बड़े दिन की छुट्टियाँ बिता रहे थे ।
(झ) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभावसुलभ प्रसन्नता की तरी क्यों नहीं थी ?
उत्तर : छोटे जादूगर की माँ ने उस दिन उससे शीघ्र आने को कहा था। छोटे जादूगर का मन चिंतित था। इसलिए उसकी वाणी में स्वाभाविक प्रसन्नता की तरी नहीं थी ।
(ञ) मृत्यु से ठीक पहले छोटे जादूगर की माँ के मुख से कौन सा अधूरा शब्द निकला था ?
उत्तर : मृत्यु से पूर्व छोटे जादूगर की माँ के मुख से ‘बे…’ शब्द निकला था।
3. अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में )
(क) बाबू जयशंकर प्रसाद की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय किन क्षेत्रों में पाया जाता है ?
उत्तर : बाबू जयशंकर प्रसाद जी की बहुमुखी प्रतिभा का परिचय कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास, निबंध आदि क्षेत्रों में पाया जाता है। उन्होंने भारतीय सभ्यता-संस्कृति, धर्म-दर्शन और भक्ति-अध्यात्मक की रचनाओं द्वारा जन-जन तक फैलाया है।
(ख) श्रीमान ने छोटे जादूगर को पहली भेंट के दौरान किस रूप में देखा था ?
उत्तर : श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को पहली भेंट के दौरान देखा था, तब उसके गले में फटा कुरता था। उस पर सूत की मोटी रस्सी थी, जेब में तास के कुछ पत्ते थे। उसके मुँह पर गंभीर विषाद के साथ दुख की रेखा थी।
(ग) “वहां जाकर क्या कीजिएगा ?” छोटे जादूगर ने ऐसा कब कहा था ?
उत्तर : जब कथावाचक ने छोटे जादूगर के सामने पर्दे के पीछे चलकर जादू देखने का प्रस्ताव रखा तब छोटे जादूगर ने कथावाचक से ऐसा कहा था।
(घ) निशानेबाज के रूप में छोटे जादूगर की कार्य कुशलता का वर्णन करो । [HSLC 2019]
उत्तर : कथावाचक छोटे जादूगर को उस स्थान पर ले गया, जहाँ लोग खिलौने पर निशाना लगा रहे थे। कथावाचक ने उसे बारह टिकट खरीद कर दिए। छोटा जादूगर पक्का निशानेबाज निकला। उसने सही निशाना लगाकर बारह खिलौने जीत लिया।
(ङ) कलकत्ते के बोटानिकल गार्डन में श्रीमान-श्रीमती को छोटा जादूगर किस रूप में मिला था ?
उत्तर : कलकत्ते के बोटानिकल गार्डन में श्रीमान-श्रीमती को जब छोटा जादूगर मिला था तब वह हाथ में चारखाने की खादी का झोला लिए था। साफ जांधिया और आधी बाँह का कुरता पहने हुए था।
(च) कलकत्ते के बोटानिकल गार्डन में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को ‘लड़के’ कहकर संबोधिक किया, तब उत्तर में उसने क्या कहा ?
उत्तर : कलकत्ते के बोटानिकल गार्डन में श्रीमान् ने जब छोटे जादूगर को लड़के कहकर संबोधित किया तब उसने श्रीमान से कहा कि वे उसे छोटा जादूगर कहें। यही उसका नाम है। इसी से उसकी जीविका चलती है।
(छ) ‘आज तुम्हारा खेल जमा क्यों नहीं ?’ इस प्रश्न के उत्तर में छोटा जादूगर ने क्या कहा ? [HSLC 2018, 2019]
उत्तर : ‘आज तुम्हारा खेल जमा क्यों नहीं?’- इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा कि माँ ने उसे आज जल्दी बुलाया है। उसकी घड़ी नजदीक आ गई है।
4. संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 50 शब्दों में)
(क) प्रसाद जी की कहानियों की विशेषताओं का उल्लेख करो।
उत्तर : प्रसाद जी की कहानियां भाववादी धारा की कहानियां है। चारित्रिक उदारता, प्रेम, करुणा, त्याग, बलिदान, अतीत के प्रति मोह से युक्त भावमूलक आदर्श इनकी कहानियों की विशेषताएँ हैं।
(ख) ‘क्यों जी, तुमने इसमें क्या देखा ?’ इस प्रश्न का छोटे जादूगर ने किस प्रकार उत्तर दिया था ?
[HSLC 2015, 2018]
उत्तर : इस प्रश्न के उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा था कि उसने सब देखा है। यहाँ चूड़ी फेंकते हैं। खिलौने पर निशाना लगाते हैं। तीर से निशाना छेदते हैं। छोटे जादूगर को खिलौने पर निशाना लगाना अच्छा लगा था।
(ग) अपने माता-पिता से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादूगर ने क्या कहा था ? [HSLC 2015, 2016, 2019]
उत्तर : अपने माता-पिता से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में छोटे जादूगर ने कहा था कि उसके पिता देश के लिए जेल गए हैं। माँ बीमार है। डाक्टरों ने माँ को अस्पताल से निकाल दिया है।
(घ) श्रीमान ने तेरह-चौदह वर्ष के छोटे जादूगर को किस प्रकार देखा था ? [HSLC 2015, 2016]
उत्तर : श्रीमान ने तेरह-चौदह वर्ष के उस छोटे जादूगर को आश्चर्य से देखा। श्रीमान उसकी बातों पर हैरान थे। वह कह रहा था कि उसकी माँ बीमार है। इसीलिए वह जेल नहीं गया। जब कुछ लोग खेल-तमाशा देखते हैं तो वह खेल तमाशा दिखाकर कुछ पैसे क्यों न कमा ले। इससे वह अपनी बीमार माँ को पथ्य दे सकेगा।
(ङ) श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने किस प्रकार अपना खेल दिखाया ?
[HSLC 2014, 2016, 2020]
उत्तर : श्रीमती के आग्रह पर छोटे जादूगर ने खिलौने के द्वारा अपना खेल दिखाया। भालू मनाने लगा। बिल्ली रुठने लगी। बंदर घुड़कने लगा। गुड़िया का ब्याह हुआ। गुड्डा बर काना निकला। लड़के की वाचालता से ही सारा अभिनय हो रहा था और लोग हँसते-हँसते लोट-पोट हो रहे थे।
(च) हावड़ा की ओर आते समय छोटे जादूगर और उसकी माँ के साथ श्रीमान की भेंट किस प्रकार हुई थी ?
उत्तर : हावड़ा की ओर आते समय श्रीमान् ने देखा कि छोटा जादूगर कंधे पर कंबल लिए एक झोपड़ी के सामने खड़ा था। श्रीमान् ने पूछने पर छोटे जादूगर ने बताया कि उसकी माँ यही रहती है। श्रीमान् छोटे जादूगर के साथ झोपड़ी के अंदर गए। देखा कि चीथड़ों से लदी एक स्त्री काँप रही थी। छोटे जादूगर ने उस पर कंबल डाल कर माँ कह कर उससे लिपट गया। श्रीमान् की छोटे जादूगर की माँ से भेंट इसी प्रकार हुई थी।
(छ) सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंग मंच पर छोटा जादूगर किस मनःस्थिति किस प्रकार में खेल दिखा रहा था ?
उत्तर : उस दिन दुःखी और चिंतित मनःस्थिति में छोटा जादूगर अपना खेल दिखा रहा था। हँसने-हँसाने का सारा प्रबंध होते हुए भी छोटे जादूगर की वाणी में प्रसन्नता की तरी नहीं थी। जब वह औरों का हँसाने की चेष्टा कर रहा था, तब वह जैसे स्वयं काँप रहा था। मानो उसके रोयें रो रहे हो।
(ज) छोटे जादूगर और उसकी माँ के साथ श्रीमान् की अंतिम भेंट का अपने शब्दों में वर्णन करो ।
उत्तर : श्रीमान ने देखा कि छोटा जादूगर सड़क के किनारे अपना खेल दिखा रहा था। लेकिन उसकी वाणी में प्रसन्नता की तरी नहीं थी। श्रीमान् के पूछने पर छोटे जादूगर ने बताया कि उसकी माँ ने उसे शीघ्र आने को कहा है। उसकी अंतिम घड़ी आइ गई है। यह सुनकर श्रीमान अपनी मोटर से शीघ्र ही छोटे जादूगर को उसकी मरनासन्न माँ के पास ले गए। छोटा जादूगर ‘माँ- माँ’ पुकारते हुए झोपड़ी में घुसा। उसकी माँ के मुँह से केवल ‘बे…’ शब्द निकला और उसके प्राण-पखेरू उड़ गए। श्रीमान ने देखा कि छोटा जादूगर उससे लिपट कर रो रहा था।
(घ) छोटे जादुगर के चरित्र की किन्हीं तीन विशेषताएँ लिखो ? [HSLC 2020]
उत्तर : छोटे जादुगर एक पक्का निशानावाज था। वह सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समर्थ है। छोटे जादुगर एक मछुर व्यवहार किशोर था । अपनी मेहनत की बल पर वह अपना माता-पिता का देखभाल करता है। स्वाभिमानी किशोर था। इस प्रकार छोटे जादुगर के चारित्रिक विशेषताएँ पाएं जाते है।
5. सम्यक् उत्तर दो (लगभग 100 शब्दों में)
(क) बाबू जयशंकर प्रसाद की साहित्यिक देन का उल्लेख करो ।
उत्तर : जयशंकर प्रसाद जी मूलतः कवि थे। वे छायावादी युग के प्रवर्तक कवि थे। काव्य एवं महाकाव्य के अलावा इन्होंने कहानियों, उपन्यास, नाटक एवं प्रबंध भी लिखे हैं। कामायनी, इनका प्रसिद्ध महाकाव्य है। झरना, लहर, आँसू आदि इनके काव्य ग्रंथ हैं। कंकाल, तितली और इरावती इनके उपन्यास हैं। राज्यश्री, अज्ञात शत्रु, ध्रुव स्वामिनी, चंद्रगुप्त आदि इनके प्रसिद्ध नाटक हैं। प्रसाद जी द्वारा रचित निबंधों के संग्रह का नाम काव्य और कला तथा अन्य प्रबंध है।
(ख) छोटे जादूगर के मधुर व्यवहार एवं स्वाभिमान पर प्रकाश डालो।
उत्तर : छोटा जादूगर तेरह-चौदह साल का बच्चा था, लेकिन उसका स्वभाव मधुर व्यवहार एवं आत्मविश्वास से भरा था। उसके पिता जी जेल में थे। उसकी माँ बीमार थी, लेकिन छोटा बच्चा होते हुए भी उसने भीम माँगना पसंद नहीं की। खेल तमाशा दिखाकर अपनी माँ के इलाज के लिए पैसे का उपार्जन करता रहा। कहानी में हम देखते हैं कि कथावाचक से वह सहायता नहीं लेता है। कहता है कि उसे शर्बत न पिलाकर उसका खेल देख कर उसे कुछ रुपए दे देते तो उसका उपकार होता। साथ ही साथ कथावाचक द्वारा लड़का कह कर पुकारे जाने पर वह कहता है कि उसका नाम छोटा जादूगर है। यही उसका परिचय है। यही उसकी जीविका है। जब-जब भी वह कथावाचक से मिला तब-तब उसने उसके साथ मधुर व्यवहार ही किया ।
(ग) छोटे जादूगर की कार्य कुशलता और चतुराई का वर्णन करो।
अथवा,
निशानेबाज के रूप में छोटे जादुगर की कार्य-कुशलता का वर्णन करो। [HSLC 2018]
उत्तर : छोटा जादूगर बड़ा चतुर और अपने जादू के खेल दिखाने के काम में कुशल था । वह बड़ी चतुराई और कुशलता से तास का खेल दिखाता था। तास के पत्ते काले हो जाते थे। सफेद हो जाते थे। रस्सी टूट कर जुड़ जाती थी। खिलौने का खेल दिखाते समय वह तरह-तरह की बातें भी बोलता जाता था। साथ ही साथ अभिनय भी करता जाता था। उसकी वाचालता और अभिनंय पर लोग हँसते-हँसते लोट-पोट हो जाते थे। इस प्रकार से जादू का खेल दिखाकर वह अपनी आजीविका चलाता था।
(घ) छोटे जादूगर के देशप्रेम और मातृभक्ति का परिचय दो ।
अथवा,
छोटा जादुगर अपनी मातृभक्ति का परिचय कैसा देता है ? [HSLC 2017]
उत्तर : छोटे जादूगर के पिता देश के लिए जेल में बंद थे। छोटे जादूगर को अपने पिता के इस गर्व था। उसके मन में ही देश प्रेम की भावना हिलोरे मार रही थीं। वह कहता है कि यदि उसकी माँ यदि बीमार नहीं रहती तो वह भी देश के लिए जेल चला जाता। देशप्रेम के अलावा छोटा जादूगर के मन में मातृभक्ति भी कूट-कूट कर भरा था। तेरह-चौदह साल का बालक होते हुए भी वह तास का खेल और जादू दिखाकर पैसे उपार्जित करता था। बीमार माँ के लिए दवाई, पथ्य और सूती कंबल लाता है। जिस दिन उसकी मरनासन्न माँ कहती है कि वह जल्दी आ जाए। उसका समय निकट आ गया है। उस दिन खेले दिखाने में उसके अंदर प्रसन्नता और उत्साह नहीं है। उसके मन में माँ के लिए दुख है।
(ङ) छोटे जादूगर की कहानी से तुम्हें कौन-सी प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर : छोटा जादूगर कहानी में हम यह देखते हैं कि एक तेरह-चौदह साल का बालक घोर आर्थिक विपन्नता और प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपने साहस और स्वाभिमान को किस प्रकार बनाए रखता है। उसके पिता जेल में हैं। माँ बीमार है। फिर भी वह जरा-सा भी नहीं घबराता है। धैर्य से काम लेता है। अपने पुत्र होने के कर्त्तव्य को निभाता है। जादू का खेल दिखा कर जीविका चलाता है। अपनी माँ की देख-भाल करता है। अतः इस कहानी से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि घोर आर्थिक विपन्नता और प्रतिकूल परिस्थिति में भी हमें घबराना नहीं चाहिए। साहस और धैर्य के साथ हिम्मत से काम लेना चाहिए। अपने स्वाभाव को मधुर बनाए रखना चाहिए। अपने स्वाभिमान को बचाए रखना चाहिए। अपनी मां की सेवा और देखरेख हर हाल में करते रहना चाहिए।
6. सप्रसंग व्याख्या करो
(क) “मैं उसकी ओर न जाने क्यों आकर्षित हुआ। उसके अभाव में भी संपूर्णता थी ।”
उत्तर:
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आलोक भाग-2’ के जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखित ‘छोटा जादूगर’ शीर्षक कहानी से लिया गया है।
सन्दर्भ : इसमें छोटे जादूगर के संघर्ष एवं स्वाभिमान का आदर्शात्मक रूप का वर्णन किया गया है।
व्याख्या : लेखक कार्निवाल के मैदान में खड़े थे। उस जगह हँसी और विनोद के लिए तरह-तरह के दृश्य थे। चारों तरफ बिजली जगमगा रही थी। कुछ लोग पानी के फुहारे के पास शरबत पी रहे थे। लेखक फुहारे के पस खड़े थे। उनकी दृष्टि अचानक उस तेरह-चौदह वर्ष के बालक पर पड़ी, जिसके गले में फटे कुरते और एक मोटी सूत की रस्सी पड़ी थी। उसके जेब में ताश के पते थे। दरअसल वह छोटा जादूगर था। लेखक उस बालक के चेहरे देखकर अभास हो गया कि वह धैर्यशील बालक अभावग्रस्त है ।
उपसंहारः वस्तुतः लेखक छोटे जादूगर के असामान्य आचरण और व्यवहार को देखकर उसकी ओर अनायास आकर्षित हो गए।
(ख) “श्रीमती की वाणी में वह माँ कीसी मिठास थी, जिसके सामने किसी भी लड़के को रोका नहीं जा सकता।”
उत्तर :
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग- 2 के जशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखित ‘छोटा जादूगर’ शीर्षक कहानी से लिया गया है।
सन्दर्भ : इसमें भारतीय नारी के ममत्व के बारे में लेखक ने वर्णन किया है।
व्याख्या : कलकत्ते का बोटानिकल उद्यान तरह-तरह फूलों के लिए प्रसिद्ध है। लेखक अपनी मंडली सहित एक वृक्ष की छाया में बैठकर जलपान कर रहे थे। इसी बीच वह छोटा जादूगर आया और उनसे कहने लगा कि क्या वे उसका खेल देखेंगे ? जलपान करते समय लेखक छोटे जादूगर का खेल नहीं देखना चाहते थे। परंतु उनकी श्रीमती उसे खेल दिखाने की अनुमति दे डाली। इस समय लेखक को एक माँ के वात्सल्य प्रेम के दर्शन हुए। क्योंकि लेखक के क्रोधित मन के विपरीत श्रीमती की वाणी में मधुरता थी। यह देखकर लेखक छोटे जादूगर के खेल दिखाने के लिए मना नहीं कर पाए।
उपसंहारः अत : कहने का तात्पर्य है कि पुरुष के विपरीत नारी का ममत्व अधिक होता है।
भाषा एवं व्याकरण ज्ञान
1. सरल, मिश्र और संयुक्त वाक्यों को पहचानो :
(क) कार्निवाल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी।
उत्तर : सरल वाक्य ।
(ख) माँ बीमार है इसीलिए मैं नहीं गया।
उत्तर : संयुक्त वाक्य ।
(ग) मैं घूमकर पान की दुकान पर आ गया।
उत्तर : सरल वाक्य ।
(घ) माँ ने कहा है कि आज तुरंत चले आना ।
उत्तर : संयुक्त वाक्य ।
(ङ) मैं भी पीछे था, किंतु स्त्री के मुँह से बे.. निकल कर रह गया।
उत्तर : संयुक्त वाक्य ।
2. अर्थ लिखकर निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करो :
नौ-दो-ग्यारह होना, आँखे बदल जाना, घड़ी समीप होना, दंग रह जाना, श्रीगणेश होना, अपने पाँवों पर खड़ा होना, अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना ।
उत्तर : नौ-दो-ग्यारह होना (भाग जाना)- चोर मेरी साइकिल लेकर नौ-दो- ग्यारह हो गया।
[HSLC 2018, 2019]
आँखें बदल जाना (व्यवहार बदल जाना) – स्वार्थ पूरा होते ही कुछ लोगों की आँखें बदल जाती हैं।
घड़ी समीप होना (मृत्यु नजदीक आ जाना)- छोटे जादूगर की माँ की घड़ी समीप आ गई।
दंग रह जाना (हैरान हो जाना) – विदेशी पर्यटक ताज महल की सुंदरता देख कर दंग रह जाते हैं।
[HSLC 2018]
श्रीगणेश होना (कोई नया काम आरंभ होना) – उसकी दुकान का श्रीगणेश आज ही हुआ ।
[HSLC 2018]
अपने पाँवों पर खड़ा होना (आत्मनिर्भर होना) – मैं पढ़-लिखकर अपने पाँव पर खड़ा होऊँगा ।
[HSLC 2018]
अपने पाँव में कुल्हारी मारना (अपनी हानि खुद करना)- ठीक से पढ़ाई न करके तुम अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मार रहे हो ।
3. निम्नलिखित शब्दों के लिंग परिवर्तन करो:
रस्सी, जादूगर, श्रीमान्, गुड़िया, बर, स्त्री, नायक, माली
उत्तर :
रस्सी | रस्सा |
श्रीमान् | श्रीमती |
वर | वधू |
नायक | नायिका |
जादूगर | जादूगरनी |
गुड़िया | गुड्डा |
स्त्री | पूरुष |
माली | मालिन[HSLC 2019] |
4. निम्नलिखित शब्दों के लिंग निर्धारण करो:
रुकावट, हँसी, शरबत, वाणी, भीड़, तिरस्कार, निशाना, झील
उत्तर :
रुकावट | स्त्री |
शरबत | पु. |
भीड़ | स्त्री |
निशाना | पु. |
हँसी | स्त्री |
वाणी | स्त्री |
तिरस्कार | पु. |
5. निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन करो
खिलौना, आँख, दुकान, छात्रा, बिल्ली, साधु, कहानी
उत्तर :
खिलौना | खिलौने |
दुकान | दुकाने |
बिल्ली | बिल्लियाँ |
कहानी | कहानियाँ |
आँख | आँखें |
छात्र | छात्राएँ |
साधु | साधुगण |
निष्कर्ष:
हमारा मानना है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को विषयों की बेहतर समझ विकसित करने और उनकी परीक्षा के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे।
हमें विश्वास है कि ये नोट्स शिक्षार्थियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने और उनके अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद करेंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो और मददगार लगा हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।